अयंकाली,
फुले,
पेरियारा
रे आंदोलना रा मूल्यांकन
जाति विरोधी आंदोलना
कठे सुधारक होर जुझारू योद्धा अयंकाली, ज्योति
बा फुले, पेरियार,
अंबेदकर
समेत बौहत सारेयां रा योगदान रैहिरा। इन्हा बिच एकी लिहाजा ले कुछ मामलेयां मंझ
सभी थे महत्वपुर्ण हे अयंकाली। अयंकाली जाति विरोधी आंदोलना री लड़ाई जो आर्थिक,
सामाजिक
होर राजनैतिक धरातला पर लेई गए। स्यों सुधारवादी नीं थे बल्कि प्राथमिक रूपा ले
जुझारू, रैडिकल होर प्रगतिशील
जाति विरोधी योद्धा थे। स्यों औपनिवेशिक राज्या री कानूनी सीमा री परवाह बी नीं
करदे थे। एतारा उदाहरण हा चेरियार दंगा। सन 1900
ई.
बिच केरला मंझ पुलयार जाति जो सड़का पर चलणे रा अधिकार नीं था। अयंकाली गंडासा लेई
के कल्हे सड़का पर निकले। तिन्हा जो रोकणे री केसी जो हिम्मत नीं हुई। एता ले बाद
चेरियार दंगा हुआ होर 2-3 दिना
तक युद्धा साहीं माहौल बणीरा रैहा। जेता बिच दलिता भारी पई गए। मद्रास रेजिसेंडिए
घटना रा संज्ञान लितया होर दलिता रा सड़का पर चलणे रा अधिकार बहाल हुआ। अयंकाली रे
सड़का रे आंदोलना के सरकारा जो कानून बनाणे कठे मजबूर हुणा पया। सन 1907
ई.
बिच तिन्हें आंदोलना के दलित बच्चेयां जो स्कूला मंझ दाखिला दिलवाणे रा हक हासिल
कितेया। भारता री पैहली कृषक मजदूर ट्रेड यूनियन बी इन्हें बनाई थी। हालांकि ट्रेड
यूनियन एक्ट सन 1926 ई.
बिच आया था। अयंकाली रैडिकल तरीके के आंदोलन करहाएं थे होर स्यों जनता री ताकता पर
भरोसा करहाएं थे। आनंद तेलतुमडे बोल्हाएं भई चेरियार दंगा भारता रा पैहला दलित
सशस्त्र विद्रोह था।
ज्योति
बा फुले री सभी ले प्रसिद्ध रचना ही गुलामगिरी। स्यों माली जाति बिच पैदा हुआएं।
क्रिश्चन मिशनरी स्कूला बिच दाखिल हुआएं। इथी स्यों पाश्चात्य आधुनिकता,
तर्कपरकता
होर वैज्ञानिक दृष्टिकोण कठे ब्रिटिशरा ले प्रभावित हुआएं। गुलामगिरी बिच स्यों
व्यंग्यात्मक ढंगा के ब्राह्मणवादा रा खंडन करहाएं होर ब्रिटिशरा जो मुक्तिदाता रे
रूपा बिच देखाहें। पर सुले-सुले तिन्हारा अंग्रेजा रे प्रति मोह भंग हुंदा जाहां। 1879
ई.
बिच हंटर कमीशना सामहणे आपणी गवाही बिच स्यों सुझाव होर प्रस्ताव सौंपाहें। स्यों
बोल्हाएं भई जेबे ब्रिटिशर तर्कपरकता पर यकीन करहाएं ता हर जगह ब्राह्मणा जो हे वरीयता
की दिती जाहीं। ये ठीक कितेया जाणा चहिए। 1881
बिच
ज्योति बा फुले किसान का कोडा कताबा बिच लिखाहें भई ब्राह्मणा होर अंग्रेजा री
चमड़ी उखाड़ी जाए ता एक हे खून निकलणा। तिन्हें टैक्स प्रशासना री आलोचना किती होर
दसया भई किसान किहां टैक्सा के दभदा जाहां। स्यों बोल्हाएं भई अंग्रेजे ब्राह्मण
आपणे मित्र बनाई लितिरे। लोहखंडे जो ज्योति बा फूले ये कताब छापणे कठे दिती थी पर
तिन्हे आखरी 3 अध्याय छापे हे नीं
थे क्योंकि तिन्हारा मनणा था भई ये सरकारा री ज्यादा हे आलोचना करी दितिरी। जेता
कठे फुले नाराज हुए थे पर बाद बिच इन्हा अध्याया समेत छापी दिती थी। ज्योति बा फुले
मजदूरा रा एक अलग मंच बी बनाया था जेता रा नांव था मिल हैंड एसोसिएशन। ज्योति बा
फुले एहडे जाति विरोधी सुधारक थे जिन्हारा रवैया बधलदे वक्ता के ब्रिटिशर समर्थका
ले ब्रिटिशर विरोधी हुंदा गया। शिक्षा रे क्षेत्रा बिच तिन्हें सरकारा ले हटी कने
सावित्री बा फुले सौगी काम कितेया होर जनता पर भरोसा कितेया। सत्यशोधक समाजा री
स्थापना किती धार्मिक कर्मकांडा रे मुकाबले ब्याह री नौंवी संस्था बनाणे कठे
योगदान कितेया।
ई.वी.रामास्वामी पेरियार निरिश्वरवादी होर जझारू भौतिकवादी थे। तिन्हारा मनणा था भई तार्किकता रा प्रचार हे जाति अंता बखौ लेई जाई सकहां। स्यों बोल्हाएं थे भई धर्मा रा सरकार, राज्यसत्ता होर सामाजिक जीवन के कोई लेणा देणा नीं हुणा चहिए होर ये निजी मसला हुणा चहिए। केसी बी तरहा री पारलौकिक सत्ता बिच यकीन केसी ना केसी किस्मा रे सामाजिक संस्तरीकरण होर सामाजिक उत्पीडना जो जन्म देई सकहां। पेरियार ब्रिटिशरा रा विरोध नीं करदे थे पर स्यों मन्हाएं थे भई ब्रिटिश सत्ता धर्मनिरपेक्ष नीं ही। इधी कठे से सांप्रदाया रा जातिगत विभेदीकरण करहाईं। पेरियार सोवियत संघा री बौहत प्रशंसा करहाएं थे होर आपु बी जाई आइरे थे रूसा। स्यों बोल्हाएं थे तिथिरी राज्यसत्ता धर्मनिरपेक्ष ही। धर्मनिरपेक्षा रे दो मतलब लिते जाहें एक ता हा सर्वधर्म समान हे होर दूजा हा धर्मा रा राज्यसत्ता या सामाजिक जीवना के लेणा देणा नीं हुणा।
आजा
रे जमाने बिच धर्म केता पर टिकिरा? धर्म
पैदा हुआ था मनुष्या रे अज्ञाना ले। अज्ञाना रा महाद्वीप घटदा गया होर ज्ञाना रा
महाद्वीप बधदा गया। पर तेबे बी धर्म ज्युंदा हा। कि? एतारा
कारण हा एक एहड़ी व्यवस्था नीं हुणा जेता बिच मनुष्य दुनिया भरा रा सब कुछ पैदा
करी लैणे रे बावजूद, टैक्नोलोजी
रा अभूतपूर्व विकास करी लेणे रे बाद, आज
इन्सानियत रोज सिर्फ दो-अढ़ाई घंटे रा हे काम करे ता व्यक्तिगत जरूरता री हर चीज
पैदा किती जाई सकहाईं होर बाकि 22 घंटे
मंझ आठ घंटे सोणे जो होर बाकि 12 घंटे
सांस्कृतिक वैज्ञानिक उत्पादना बिच लगाई सकहाएं जेता जो मार्क्से बोल्या था भई ये
से वक्त हुणा जेबे सही मायने बिच आसा जरूरता रे साम्राज्य ले स्वतंत्रता रे साम्राज्य
बिच चली जाणा। जेबे रोटी, कपडा
होर मकान ता कोई मुद्दा हे नीं रैही जाणा। आज भी ये मुद्दा नहीं हुणा चहिए। लोक
भूखा के इधी कठे नीं मरदे भई अनाजा री कमी ही। बल्कि ठीक उल्टा लोक इधी कठे भूखा
ले मरहाएं क्योंकि अनाज ज्यादा हा। ये जे अतार्किक, अवैज्ञानिक
व्यवस्था ही जे हर चीजा जो अधिकता बिच पैदा करहाईं पर तेबे बी जेस जगहा पर
आक्सीजना री कमी के 63 बच्चे
मरी जाहें होर तेबे बी जेस जगहा पर 9000 बच्चे
हर रोज भूख होर कुपोषण के मरी जाहें। एक एहडे देशा बिच 21वीं
सदी मंझ जे उभरदी हुई अर्थव्यवस्था हुणे रा दावा करहां होर दुनिया री सभी थे उन्नत
श्रम शक्ति 10 साला बिच पैदा करने
रा दावा करहां जेता बिच नौजवाना री आबादी प्रतिशता बिच दुनिया भरा मंझा सभी थे
ज्यादा ही यानि एक युवा देशा बिच एहडा हुई करहां ता सोचणा ता पौणा हे हा भई एसा
अर्थव्यवस्था रे सौगी कोई भयंकर गड़बड़ी ही। एहडी व्यवस्था मंझ अनिश्चितता होर
असुरक्षा पैदा हुआईं। आसौ बोल्या जाहां भई हर कोई आपणा आपु देखे। ये शासनकारी
दर्शन हा। सामाजिक डार्विनवादा री विचारधारा काम करहाईं भई जेस काबिल हुणा तेस करी
लैणा। आसारी शिक्षा व्यवस्था होर मीडिया बी एहडा हे दसहां। जबकि 86
प्रतिशत
दलित छात्र 12वीं ले पैहले स्कूल
छाडी देहाएं। एस व्यवस्था री अनिश्चितता होर असुरक्षा धर्मा बिच,
ढकोसले
होर बाबेयां बिच भरोसा पैदा करवाहीं। अच्छे खासे पढे लिखे वैज्ञानिक लोक पीएसएलवी
बनाई लैहें पर लाँच करने ले पैहले बाला जी लेई जाहें टिक्का लगाणे कठे। एहडा हा
आसारा देश। आसारा हे देश नीं बल्कि दुनिया रे होर मुल्का बिच बी ढकोसला बधी करहां।
हॉलीवुड होर बॉलीवुडा मंझ हॉरर फिल्मा बणने री रफ्तार बधी गइरी। पिछले आर्थिक
संकटा ले बाद शैतानी सत्ता होर पारलौकिक सत्ता रा टकराव दसया जाई करहां। अमेरिका
होर भारता रा मुकाबला हो ता अमेरिका री अच्छी खासी पढी लिखी आबादी भूतप्रेता बिच
ज्यादा विश्वास करहाईं। अमेरिका अंधविश्वास, ढकोसलेबाजी,
कट्टरता
होर घरेलू हिंसा बिच भारता के मुकाबला करी सकहां। ये तेस देशा रे हाल हे जेता जो
आसारे देशा बिच स्वर्गा रे मॉडला रा रूप मनया जाहां। पूँजीवाद जेस तरीके के 80
प्रतिशत
लोका री जिन्दगियां जो असुरक्षा होर अनिश्चितता रे गर्ता बिच धकेली करहां। तेता के
देश होर दुनिया मंझ अंधविश्वास, ढकोसले,
तरहा-2
रे
पंथ, बाबेयाँ रा केन्द्र बणया
करहां। धर्म अपनाणे रा कारण आदमी री जिंदगी रे दुख हे। इधी कठे से धार्मिक बणहां।
धार्मिक आदमी जो गाली देणे री कोई जरूरत नीं ही। अगर एहडा करो तो साफ तौरा पर दूजी
तरफा ले बी प्रतिक्रिया आउणी। लेनिने बोल्या था भई धर्मा रे खिलाफ प्रचार हमेशा
धर्मा जो मजबूत करहां। इधी कठे धर्मा री जड़ खोदो। ये समाजवादा बिच हे हुई सकहां।
अगर धर्म खत्म करना हो ता समाजवादा कठे लड़ो।
पहाड़ी दयारा रा बौहत-2 धन्यावाद...
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