पहाड़ी भाषा दी नौई चेतना .

Sunday, June 9, 2019

जाति व्यवस्थाः उदगम, विकास होर जाती रे अंता रा प्रश्न (मंडयाली लेख)-6






अपणिया भासा च समाज दे बारे चसमाज दे विकासा दे बारे च लेखां दे मार्फत जानकारी हासल करने दा अपणा ही मजा है। समीर कश्‍यप होरां इक लेखमाला जाति व्‍यवस्था दे विकास पर लिखा दे हन। इसा माला दा पैह्ला मणका असां कुछ चिर पैह्लें पेश कीता था। फिरी पहाड़ी भाषा पर चर्चा चली पई। हुण एह लेखमाला फिरी सुरू कीती है अज पढ़ा इसा दा छेउआं मणका।



ड्यूईवादी व्यवहारवादा रे मूल होर एतारी विशिष्टता


व्यवहारवादी दर्शना (प्रैगमैटिक फिलॉसफी) रा जन्म अमेरिका बिच हुआ। अमेरिका री स्थापना एक पूँजीवादी देशा रे रूपा बिच हुई। अमेरिका रा कोई सामंती अतीत नीं हा। अमेरिका बिच सन 1776 ई. रे स्वतंत्रता युद्धा मंझ लड़ने वाले ज्यादातर लोक इंगलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आयरिश प्रवासी थे। फ्रांसिसी क्रान्ति रे सिद्धांत तिन्हा जो प्रेरित करी करहाएं थे। थामस पेना रे विचार डिक्लेरेशन ऑफ राइटस ऑफ मैन, समानता, स्वतंत्रता होर भ्रातृत्वा रे उसूला ले प्रेरित थे। यों विचार सामंती जडत्वा रे खिलाफ भावना व्यक्त करी करहाएं थे। लगानजीवी या परजीवी बणने री जगहा उद्यमिता यानि एंटरप्रिनियरशीपा री गल्ल करी करहाएं थे। पूँजीवादा रे पैदा हुणे बिच सभी थे बडी भूमिका थी प्रोटेस्टैंट धर्मा रे पैदा हुणे री। उद्यमिता री भावना यानि स्पिरिट ऑफ एंटरप्रिनियरशीप पैदा हुआईं। मैक्स वैबरा रा भाववादी सिद्धांत सामहणे आवहां। उभरदे हुए पूँजीपती वर्गे हे अमेरिका बसाया। पैहली गल्ल, तिन्हा बाले कोई सामंती अतीत नीं था। दूजे अमेरिका शुरू ले हे पूँजीवादी होर साम्राज्यवादी देश था। तरीजे इथी रा पूँजीवाद इन्हा भाववादी विचारा रे विरोधाभासा बिच रेड इंडियना रे कत्लेआम होर काले लोका जो गुलाम बनाणे री ताकता पर खड़ही रा था। इथी बाह्य होर आंतरिक विस्तारा री अनंत संभावना थी। जेता के इथिरा विशिष्ट रूप बणया। इथी पूँजीवादा जो संतृप्त बिंदू तका पौंहचणे कठे लंबा वक्त लगया। यानि करीब 100 साल लगे होर 1860 तका एस लंबे वक्ता बिच एक नौंवें सामाजिक दर्शना रा जन्म हुआ। इथी लम्पट सर्वहारा वर्ग भी भग्गी के आई करहां था। लम्पट सर्वहारा बिच केसी बी किस्मा री सांगठनिक होर राजनैतिक चेतना बौहत कम मात्रा बिच हुआईं। एतारी वजहा के तेस बिच वर्ग चेतना नीं हुंदी। तेसरा एकी तरहा के विमानवीयकरण हुई गईरा हुआं होर से बौहत बिखरी रा हुआं। एहडा लम्पट सर्वहारा हर देशा बिच पाया जाहां। लम्पट टटपूँजिया वर्ग जे मिडल क्लास व्यापारियां रा वर्ग हुआं अमेरिका बिच लैंड ऑफ ओपोर्चुनिटी री गल्ला सुणुआं तिथी पौहंचा। चार्ली चैपलिन री फिल्म गोल्ड रश एस घटनाक्रमा जो दसहाईं।

अमेरिका रे सामाजिक दर्शना बिच दूजा मीला रा पात्थर हा अमेरिकन सिविल वार यानि द्वितीय अमेरिकी क्रान्ति। एस दौरा रा बडा दार्शनिक हुआ इमरसन। तिन्हारा ट्रांसिडेंटलिसमा रा सिद्धांत डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस होर डिक्लेरेशन ऑफ मैना ले हे निकलहां। एता रे अनुसार भूतकाल वर्तमाना रा निर्माण नीं करदा। अतीता री वर्तमाना रे उत्पादना मंझ कोई भूमिका नीं हुंदी। पर वर्तमान किहां पैदा हुआं? समकालीन मनुष्या रे सामुहिक होर व्यक्तिगत प्रयासा रे समुच्चय होर अतीता रे प्रभावा रे मेलजोला के वर्तमान बणहां। इमरसन काण्टा ले प्रेरणा लैहां था होर आपणे तरीके के सामाजिक मनोविज्ञाना जो अभिव्यक्ति देहां था। बेंजामिन फ्रेंकलिना री कताब पुअर रिचर्डस अलमानैक अमेरिकी समाजा जो प्रभावित करहाईं। व्यक्तिवाद सामहणे आवहां। व्यक्ति हे सभ कुछ हा। सब कुछ तेसरे आपणे प्रयासा पर हे निर्भर करहां। सन 1860 ई. आउंदे-2 अमेरिका मंझ मुक्त व्यापारा पर आधारित पूँजीवाद खत्म हुंदा लगी जाहां। अवसर कम हुई करहाएं थे जबकि बडी कंपनियां होर बडे पूँजीपती पैदा हुई करहाएं थे। अमेरिका इजारेदारी होर पूँजी रे केन्द्रीयकरण होर सघनीकरणा री मंजिला बिच प्रवेश करी करहां था। छोटे पूँजीपती तबाह हुई के सर्वहारा री कतारा मंझ शामिल हुई करहाएं थे। तिन्हारे अमीर हुणे रे सुपने टुटणे शुरू हुई गईरे थे। एता री राजनैतिक अभिव्यक्ति पॉपोलिस्ट मुवमेंट (1880) होर पॉपुलिस्ट पार्टी (1880-1890) बिच देखणे जो मिली करहाईं थी। एस आंदोलना रे दिशा निर्देशक दर्शन देणे वाले थे चार्ल्स पियरे होर विलियम जोन्स। यों पैहले व्यवहारवादी दार्शनिक थे। इन्हारा दर्शन मुक्त व्यापारा यानि अतीता री यादा (नोस्टेलजिया) ले निकली करहां था। पॉपुलिस्ट पार्टी जेबे भंग हुई ता तेता बिच शामिल मजदूरा रा एक हिस्सा डेमोक्रेटिक पार्टी बिच चली गया जबकि दूजा हिस्सा अमेरिका री कम्यूनिस्ट पार्टी बिच चली गया। जॉन ड्युई एस विचारधारा रे हे दार्शनिक थे। इन्हारे विचारा जो ड्युईवादी व्यवहारवाद (प्रैगमैटिसम) या ऑपरेशनलिसम, इन्‍स्‍ट्रुमेंटलिस्म या प्रोग्रेसिव एक्सपेरीमेंटलिस्म बी बोल्हाएं।

जॉन ड्युई रा व्यवहारवादा रा सिद्धांत पैहली गल्ल ये बोल्हां भई प्राकृतिक होर सामाजिक परिघटना रा कोई आम सिद्धांत नीं हुंदा। पर विज्ञान ता सिद्धांता पर हे चलहां। आम सिद्धांता री गल्ल नीं करी के जे सुझी करहां तेतारा सामान्यीकरण नी करने ले आसे तेतारी असलियता तक नीं पौहंची सकदे। केसी बी समस्या रे समाधाना कठे विज्ञाना रा काम हुआं सभी ते पैहले देखणा यानि प्रेक्षण करना, फेरी देखिरी चीजा पर एक मोटा मोटा विचार पैदा करना, फेरी तत्काल एक्शना कठे योजना बनाणा होर फेरी एस योजना पर काम शुरू करी देणा। एता के अगर समाधान हुई जाओ ता ठीक हा नीं ता केसी अंतिम नतीजे पर पौंहचुआं एता पर सोचणा बंद नीं करी देणा चहिए। दूजी गल्ल व्यवहारवाद बोल्हां भई कार्य-कारण संबंध स्थापित नीं कितेया जाई सकदा। यानि अतीता री कोई भूमिका नीं ही वर्तमाना बिच। ये तिन्हें इमरसना रे ट्रांसिडेंटलिसमा ले लितिरा था। ये अगस्ट कॉमटे, काण्ट, हयुमा रे प्रत्यक्षवाद यानि पाजिटिविसम होर अनुभाववाद यानि एक्सपेरियंशलिज्‍मा ले प्रभावित था। तरीजी गल्ल जॉन ड्युई समाजा री अवधारणा रे बारे बिच करहाएं। ड्युई रे मुताबिक समाज असंगत समुहा रा समुच्चय हा जेता बिच ट्रेड यूनियन, कर्मचारी यूनियना, बास्केटबाल क्लब बगैरा रे समुह आवहाएं। जबकि मार्क्सवादा रे अनुसार समाज परस्पर विरोधी वर्गा के बणीरा हुआं। से उत्पादना रे संबंधा रे कुल योगा रा समुच्चय हुआं। एतारी गति रा तर्क हुआं एतारा अंतर्विरोध। अंतर्विरोध होर परस्पर टकरावा के हे विकास हुआं। जबकि ड्युई रा व्यवहारवाद बोल्हां भई हकीकता बिच कोई अंतर्विरोध नीं हुंदा होर ये प्रतीतीगत अंतर्विरोध हुआं जेता रा समाधान सभी थे तार्किक अभिकर्ता यानि ग्रेट मिडिएटर (महान मध्यस्थ) यानि सरकार करहाईं। व्यवहारवादा रे अनुसार समाजा मंझ हर परिवर्तन सरकारा री कार्यवाई ले हुआं। स्यों रूसो होर लॉके री सोशल कंट्रैक्ट थ्युरी रे आधारा पर बोल्हाएं भई हिंसा बेकार ही होर सोशल एंडोसमोस री गल्ल करहाएं। व्यवहारवादा रे अनुसार अगर जनता थाल्हे ले परिवर्तन करहाईं ता हिंसा हुआंई। जनता जो लड़ना नीं चहिए बल्कि सरकारा जो प्रभावित करना चहिए। बौधिक वर्गा जो परिवर्तन ल्याउणे कठे सरकारा जो सुझाव देणे चहिए। व्यवहारवाद ये बी बोल्हां भई एक मानवतावादी समानतामूलक धर्म जरूरी हा जेता के सामाजिक आचार संहिता बणीरी रैही सको। सन 1897 ईं बिच जॉन ड्युई रा लेख छपया था कॉमन फेथ। जेता बिच स्यों धर्मा री जरूरता री गल्ल करहाएं भले हे तेस धर्मा रा कोई ईश्वर हो चाहे नीं हो।


1 comment:

  1. दयार होर अनूप सेठी जी रा बौहत-2 धन्यावाद, आभार होर शुक्रिया...

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