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स्नेहा
पहाड़ी भाषा दी नौई चेतना
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Sunday, February 16, 2014
पहाडां दे सुर
इसी भजने जो करनैल राणा होरां दे सुरां च सुणा।
दूंहीं गाायकां दी लग लग दुनिया है।
1 comment:
muditsethi
February 28, 2014 at 7:11 PM
truly pahadi at its roots :)
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truly pahadi at its roots :)
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