अपणिया भासा च समाजा दे बारे च, समाज दे विकासा दे बारे च
लेखां दे मार्फत जानकारी हासल करने दा अपणा ही मजा है। समीर कश्यप होरां इक लेखमाळा जाति व्यवस्था
दे विकास पर लिखी। इसा माळा दे नौ मणके तुसां पढ़े। पैह्लकें जमानैं ज्ञान विज्ञान कताबां
ते ई हासल हुंदा था। अजकल इसा दुनिया जो समझणे दे कनै अपणी गल करने दे कई साधन आई गै।
कताबां दा लखोया सोशल मीडिया च औआ दा। यूट्यूब पर कई कुछ है। कूड़ा भी बड़ा है पर तिस
पासें ध्यान कजो देणा। कूड़ा सभनीं जगहां है। दमागां च भी। पर इसा लेखामाला दी खूबी
एह भी है भई समीर होरां यूट्यूबा पर मजदूर बिगुल दे वीडियो दिक्खी नै नोट्स
लै फिरी अपणिया भासा च लिखे। इन्हां लेखां च तिन्हां दीीअपणी बौद्धिक त्यारी भी नजर
आई जांदी। इतिहास वर्तमान जो दिखणे कनै विश्लेषण करने दी तिन्हां दी इक दृष्टि है, इक दृष्टिकोण है। असां तिन्हां
जो बिनती कीती भई इन्हां लेखां च सामग्री कइयां जगहां ते लइयो है ता तिन्हां दे हवाले
भी देई देया। तां जे एह पक्का होई जाऐ भई गल्ला दा स्रोत है। कनै जे कोई होर डुग्घे
जाणा चाहै ता तिह्जो असानी होई जाऐ। इस करी ने असां संदर्भ सूची एथी देया दे हन।
इन्हां लेखां दिया भासा च हिंदिया
दे बड़े शब्द हन। एह् सोचणे आळी गल है। जितणा जादा लखोंगा, तितणा ई भासा दा विस्तार होणा है।
दूई गल समीर होरां लिखया भई एह लेख मंडयालिया च हन। एह सच भी है। तिन्हां अपणे लेखन
दी शुरूआत दे बारे च असां दे गलाणे पर लिखी नै भेजया, तिस च भी मंडियालिया दा जिक्र है।
असां तिन्हां जो पुच्छेया भई इसा जो हिमाचली या पहाड़ी कैंह् न गलाइए। समीर होरां इसा
गिरहा जो खोलणे दी तयारी करा दे हन। तिन्हां दा आत्मकथन कनै असां दे सुआले दा जवाब
गांह् तुसां तक पुजांगे। फिलहाल एह सूची दिक्खा।
संदर्भ सूची
- ऋग्वेद- पुरूष सुक्ता रा 10वां मंडला बिच वर्णाश्रमा रा जिक्र
- पाणिनी री 200 ई.पू. बिच लिखिरी अष्टाध्यायी बिच जाति शब्दा रा पैहला जिक्र
- एस हे बक्ता बिच वारहमिहिरा री बृहत संहिता
- याज्ञवल्क्य स्मृति बिच जाती होर वर्ण शब्दा रा एकी जगहा हे अलग इस्तेमाल हुईरा
- ऋग्वेदा रे 8वें खण्डा री 46 श्रुति रे रचयिता अश्व
- ऋग्वेदा रे खण्ड 1,4 होर 6 - इन्द्रे दिवोदासा री मददा के शम्बरा रे खिलाफ युद्ध लडया था
- अर्थशास्त्रा रे खंड तीना रे प्वाइंट 13 बिच कौटिल्य- शुद्र एक आर्य हा
- पाणिनी रे कामा पर पतंजलि महाभाष्य लिखाहें - शुद्र स्यों आर्य थे
- मनुस्मृति बिच भी शुद्रा रे आर्य हुणे रा जिक्र आवहां
- ब्रुस लिंकन होर जॉर्नेस दुबेदिले दुनिया रे अलग-2 जगहा रे चारावाह समाजा पर अध्ययन कितिरा।
- रोमिला थापरा री गिफ्ट इकानॉमी पर कल्चुरल पास्ट
- आर एस शर्मा री वर्ग पूर्व सामाजिक संस्तरीकरण (प्री क्लास स्ट्रैटीफिकेशन) महत्वपुर्ण कताबा ही।
- अगर भारता रे समाजा जो समझणा हो ता डी डी कोशाम्बी री कताबा जरूर पढनी चहिए।
- जाती रे उदगमा पर इतिहासकार सुविरा जायसवाला री कताबा बी जरूर पढनी चहिए।
- मिथिला रा 14वीं शताब्दी रा रिकार्ड हा वर्ण रत्नाकर जेता बिच 96 वर्णा रा जिक्र कितिरा।
- कौटिल्ये लिखीरा भई काराधान होर सिंचाई व्यवस्था बगैरा रा प्रबंध ब्राह्मण हे करहाएं थे।
- अस्पृश्यता पर विवेकानंद झा रा बौहत अच्छा अध्ययन हा।
- छठी सदी ई. बिच वराहमिहिर दसहाएं भई सभी राजाओं जो हर धार्मिक समारोहा बिच पशु रा मांस खाणा चहिए।
- डी डी कोसाम्बी री कताब मिथक होर यथार्थ ब्राहमणवादा रे चरित्रा जो समझाणे कठे बडी उपयोगी मनी जाहीं।
- इतिहासकार इरफान हबीब होर वी के ठाकुर री कताब ही दि वैदिक एज।
- एच एच रिजले ब्रिटिश एथनोग्राफिक थे तिन्हें जातियां होर जनजातियां रा अध्ययन कितेया।
- जर्मन इंडोलोजिस्ट मैक्स मुलर संस्कृता रा अध्ययन करी के इन्हा रा अनुवाद करहाएं।
- सबअल्टर्न इतिहासकार निकोलस डर्क बोल्हाएं भई जाति व्यवस्था जो रूढीबद्ध होर कठोर बनाणे ले जाति री गति खत्म हुई गई होर जातियां रे बिच विभाजक रेखा खींची दिती गई। यानि जाति व्यवस्था अंग्रेजे मजबूत हे किती।
- ज्योति बा फूले बी अंग्रेजा रे प्रति पैहले आशावादी थे। तिन्हा री रचना गुलामगिरी बिच ये आशावाद देखणे जो मिल्हां पर वक्ता रे सौगी-सौगी तिन्हा रा अंग्रेजा ले मोह भंग हुआँ होर स्यों अंग्रेजा री कडी आलोचना करहाएं। एतारे हवाले तिन्हा री बादा बिच लिखिरी कताब किसाना रा कोड़ा बिच मिलहाएं।
- अंबेदकर बी फैमिन इन इंडिया बिच अंग्रेजा री आलोचना करहाएं। पर पश्चिमी शिक्षा रे दरवाजे दलिता कठे खोलणे री वजह ले अंग्रेजा रे प्रशंसक थे। (हालांकि यों दरवाजे हर जगह नहीं खोले गए थे)।
- आनंद तेलतुमडे री कताब महाड हाखियां खोलणे वाली कताब ही।
- गवर्नमेंट ऑफ इंडिया
एक्ट, 1935
- भूमि सुधार कठे लैंड सिलिंग एक्ट आवहां 1956-57 बिच।
- सत्यजीत रे री फिल्म जलसाघर।
- आनंद तेलतुमडे लिखाएं भई दलिता रा 89-90 प्रतिशत हिस्सा मजदूर हा पर 10-11 प्रतिशत हिस्सा साफ तौरा पर मजदूर नीं हा। ये हिस्सा मध्यम वर्गा रा संस्तर या उच्च वर्ग या कुलीन हुई चुकीरा।
- सामाजिक उत्पीडन आर्थिक उत्पीडना के गुंथित हुआं। गलोरिया रहेजा रा लेख हा एस बारे बिच सेंट्रलिटी ऑफ डोमिनेंट कास्ट।
- आनंद तेलतुमडे बोल्हाएं कास्ट डिवाइडस क्लास यूनाईटस।
- ज्योति बा फुले री सभी ले प्रसिद्ध रचना ही गुलामगिरी।
- 1881 बिच ज्योति बा फुले किसान का कोडा कताबा बिच लिखाहें भई ब्राह्मणा होर अंग्रेजा री चमड़ी उखाड़ी जाए ता एक हे खून निकलणा।
- थामस पेना रे विचार डिक्लेरेशन ऑफ राइटस ऑफ मैन, समानता, स्वतंत्रता होर भ्रातृत्वा रे उसूला ले प्रेरित थे।
- चार्ली चैपलिन री फिल्म गोल्ड रश
- बेंजामिन फ्रेंकलिना री कताब पुअर रिचर्डस अलमानैक अमेरिकी समाजा जो प्रभावित करहाईं। व्यक्तिवाद सामहणे आवहां।
- सन 1897 ईं बिच जॉन ड्युई रा लेख छपया था कॉमन फेथ।
- डा. जेफरलोट क्रिस्टोबे री कताब डा. अंबेदकर एंड अनटचेबिलिटी बिच स्यों अंबेदकरा री चार राजनैतिक रणनीतियां रे बारे बिच दसहाएं।
- डा. अंबेदकरा री कताब आवहाईं व्हू वर शुद्रास।
- तरीजी रचना तिन्हारी आई, अनटचेबलः व्हू वर दे एंड हाउ दे बिकम अनटचेबल।
- प्रसिद्ध इतिहासकार सुविरा जायसवाल बोल्हाईं “ जाति निजी संपति पितृसत्ता होर वर्गा के सौगी पैदा हुई थी होर जाति निजी संपति पितृसत्ता होर वर्गा रे सौगी हे खत्म हुई सकाहीं”।
पहाड़ी दयार होर अनूप सेठी जी रा एन्हा लेखा जो इतनी खूबसूरती के ब्लॉगा बिच छापी के हिमाचला रे पहाड़ी लिखणे वाले प्रसिद्ध लेखका री विद्धान श्रृंखला मंझ पाई के इन्हौ एक बड़ा वितान मिलणे री खुशी छुपाई नी जाई करदी। तुसारा बौहत-2 धन्यावाद, आभार होर शुक्रिया। तुसे मेरे बारे बिच इतना कुछ लिखेया जेता के मुंजो आपणा एक नौवां परिचय मिलेया। एस लेखा री सारी सामग्री मजदूर बिगुला रे संपादक अभिनव सिन्हा री विडियो श्रंखला ले लितिरी। मेरी नजरा बिच अभिनव बडे अच्छे मार्क्सवादी सिद्धान्तकार, प्रचारक, संगठनकर्ता होर आन्दोलनकर्ता हे। मैं मजदूर बिगुला रा पाठक हा होर इधी कठे हाउं ऐसा विषय वस्तु ले सुपरिचित हा। शायद इधी कठे मेरे कठे ये काम बौहत रोचक था होर अग्गे बी होर पढने सौगी मण्डेआली बिच लिखणे कठे अग्रसर हा। तुसारी दितिरी पहेली परा मुंजो कुछ इतिहासा रे पक्ष देखणे पौणे तेबे फेरी शायद जल्दी हे तुसारा जबाब देणे री स्थिति बिच हुँघा। तुसारा भी के बौहत-2 धन्यवाद।
ReplyDeleteसमीर जी, एह् तुसां दी बडियाई है जे दयारे दे प्रयासे जो इतणा मन्ना दे। भासा दे बारे च तुसां दे वचारां दा इंतजार है।
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