पहाड़ी भाषा दी नौई चेतना .

Monday, September 15, 2014

कीह्याँ सैर मनाइये ?

- स्वर्गीय  ’साग़र’ पालमपुरी

मँघयाइया दा जोर कीह्याँ सैर मनाइये ?
जीणे दा क्या धोर कीह्याँ सैर मनाइये ?

जे मैह्ल बणे म्हारिआ मिह्णती ने तिह्नाँ
आई बस्से कोई होर कीह्याँ सैर मनाइये ?

कुथु खेह्लिये हण खोड़ाँ, कीह्याँ गाइये छंझोटी?
रुत बड़ी मुँह्जोर कीह्याँ सैर मनाइये ?

अपणेयाँ कुलाचाराँ त्यागी ने असाँ लोक
होआ दे आँ कमजोर कीह्याँ सैर मनाइये ?

सैह रूप नीं सैह रंग नीं धरियाइयाँ बणाँ दा
नचदे नईं हण मोर कीह्याँ सैर मनाइये ?

किछ लाळचाँ लोब्भाँ देह्यी ग्रेथिओ दुनियाँ
जळबाँ दी टकठोर कीह्याँ सैर मनाइये ?

दान्नाँ ब्रताँ, जगाँ दा सुफल मिल्लै बी कीह्याँ?
बस्सेया मनें चोर, कीह्याँ सैर मनाइये ?

दड़ी जाइ्ये कुथु मित्तरो! जमाने ते डरी ने
हण तोपिये कुण झोर कीह्याँ सैर मनाइये ?

लोहुए ने दीया सान्जो बलाणाँ पोऐ
निह्यारा बड़ा घोर कीह्याँ सैर मनाइये ?

’साग़र’ दिखा जिस पास्से बह्दी गेह्यो माह्णू
गोह्राँ बत्ताँ सोर  कीह्याँ सैर मनाइये



9 comments:

  1. maza aai gaya. Divangat Kavi Jo mera salaam.

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  3. Kuch Sagar Ji Ke baare mein Batayein..

    20 Rupe sainkada , hun ni milde khod
    Dassa bhala Keyaan Sair Manayiye

    Ghara to door Jayene Baithe,
    Pata Ni chalda kebbe ayi sair,

    Paelle ta se keddeyan ri tarrrr tarr awaaz ayi jaan thi
    Laggi jaan tha pata ke laggi ri aandi sair.

    Badde shairhaan andar ta apni awaaz ni sundi,
    Hun dassa bhala kiyaan sair manayiye.

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    1. सागर जी की एक गजल इसी ब्‍लॉग पर और है। आप लेबल (चेपियां) देखें तो मिल जाएगी।

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    2. /www.dwijandghazal.blogspot.com/ par Saghar ji ke bare men janiye

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  4. ए ही पोस्ट जे पंजाबी च होंदी तां होर मजा औंदा
    कुज लफ्जां नूं सुधारण दी लोड आ....
    जिवें... हण=होण, किछ=किंज........

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    1. राेहितास जी, जे एह पोस्‍ट पंजाबिया च हुंदी ता गुरुमुखी लिपिया च लिखियो होणी थी पर एह देवनागरी लिपि च है। कनै एह पहाड़ी भासा है हिमाचल प्रदेशे दी इक्‍क बोली। जे तुसां इसा गजला दा पंजाबिया च अनुवाद करी देण तां मजा आई जाणा।

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  5. समझ आया जितना भी अच्छी लगी रचना ..बधाई

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  6. www.dwijandghazal.blogspot.com
    Par aaiye. Saghar ji ke bare men janiye.

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