tag:blogger.com,1999:blog-597693412087092884.post5358725394453481122..comments2024-01-23T19:27:55.911+05:30Comments on दयार: कात्थाPrakash Badalhttp://www.blogger.com/profile/04530642353450506019noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-597693412087092884.post-31497452237396956232013-04-03T20:39:18.916+05:302013-04-03T20:39:18.916+05:30प्रेम ता अपणी मातर बोली ने सभना जो ही होंदा पर प्...प्रेम ता अपणी मातर बोली ने सभना जो ही होंदा पर प्हाड़ी बोलने दी ताकत ऐत्थु मुंबई च सारयां जो अपणी-अपणी बोलीयां च बोलदयां दिक्खी नी मिली। बाकी भाई द्विजेन्द्र द्विज जी तुसां, अनूप सेठी कनै मितरां दी संगता दा असर है। कुशलकुमारhttps://www.blogger.com/profile/05839935127665322734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-597693412087092884.post-58416616038577170342013-04-01T21:45:16.910+05:302013-04-01T21:45:16.910+05:30मो यान होरां दा एह भासण जोशी होरां दी मार्फत कथादे...मो यान होरां दा एह भासण जोशी होरां दी मार्फत कथादेश च पढ़ेया था. प्हाड़ियां च पढी़ नै लग्गा जणता एह साढ़ा ई माह्णू साढे़ नै गला दा है. तिह्दी अम्मा भी जणता साढी़ ई कोई जबरी है जिनै अपणे पुतरे जो सच्चा माह्णू बणाया. <br />मते साल पैह्लें सैमुअल बेकेट दा नाटक वेटिंग फार गोडो छत्तिसगढि़या च दिक्खेया था, मेरे ता होस ई उडी़ गै हे. 'एब्सर्डिटी' लोक भासा च ऐसे जबरदस्त तरीके नै साह्मणें आई भई लग्गै एह नाटक जम्मेया इ इहा जमीना च है. <br />कुशल होरां कनै द्विजेंद्र होरां दी एह पेशकारी काबलेतरीफ है. भाइयो इस 'कात्थे' देयां अगलेयां पुड़ा भी खोल्हा छोड़ छोड़. <br />कात्था भी बड़ा अचूक लफ्ज टोळ्या है तुसां. <br />मुबारकां. <br /><br /> Anup sethihttps://www.blogger.com/profile/13784545311653629571noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-597693412087092884.post-91414896706329071652013-04-01T20:24:04.997+05:302013-04-01T20:24:04.997+05:30मो यान की गहरी बातों को एक बार फिर अपने पहाड़ की ए...मो यान की गहरी बातों को एक बार फिर अपने पहाड़ की एक भाषा की गहराई और आत्मीयता में पढ़ने का अवसर मिला. धन्यवाद.<br /><br />शिवप्रसाद जोशीhillwanihttps://www.blogger.com/profile/12403807184918826617noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-597693412087092884.post-84476931541067757822013-03-31T08:42:55.255+05:302013-03-31T08:42:55.255+05:30भाई कुशल जी,
नोबेल लेक्चर पढ़ना मिंजो बड़ा खरा लग...भाई कुशल जी,<br /><br />नोबेल लेक्चर पढ़ना मिंजो बड़ा खरा लगदा. तुसाँ याद अणाई दित्ती.<br />तुसाँ दे प्हाड़ी-प्रेम जो स्लूट.<br />द्विजेन्द्र ‘द्विज’https://www.blogger.com/profile/16379129109381376790noreply@blogger.com